Format of Formal Letter In Hindi - औपचारिक पत्र कैसे लिखे?

मेरे दोस्तों अगर आप Formal Letter Format in Hindi के बारे में अच्छे तरीके से जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें आप सही वेबसाइट पर पहुंच चुके हैं।

Formal Letter Format in Hindi - औपचारिक पत्र कैसे लिखें

Formal Letter Format in Hindi

मेरे दोस्तों अगर आप Formal Letter Format in Hindi के बारे में अच्छे तरीके से जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें आप सही वेबसाइट पर पहुंच चुके हैं।


आज के इस आर्टिकल में हम आपको पत्र-लेखन से संबंधित सारी जानकारी देने वाले हैं जिसमें आप जानेंगे कि: 

  • पत्र लेखन क्या है
  • पत्र लेखन की विशेषताएं
  • पत्र लेखन के प्रकार
  • पत्र लेखन के Format

पत्र लेखन की कला को समझने के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा उसके पश्चात पत्र लेखन की कलाओं से आप अवगत जाएंगे।


तकनीकी युग में मोबाइल व्हाट्सएप फेसबुक जैसे तमाम सोशल मीडिया मैसेजिंग एप ने भले ही इन पत्रों और पत्र लेखन के तरीकों को बदल दिया हो।


लेकिन पत्र लेखन की चली आ रही परंपरा और कई संस्थाओं में पत्र के माध्यम से ही आवेदन करने और अपनी बात को रखने का प्रयोग किया जाता है। इसलिए पत्र लेखन के तरीकों का पता होना काफी आवश्यक है।


क्योंकि हमें अपने जीवन में कभी भी किसी भी समय पत्र लिखने की आवश्यकता पड़ सकती है और काफी पढ़े लिखे होने के बाद भी यदि आप पत्र लिखने की स्थिति में त्रुटियों के होने के भय से पत्र लिखते समय गहन सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर Letter Format In Hindi कैसे होता है।


फिर भले ही वह Formal Letter Format हो या Informal हमें पत्र लेखन की सभी प्रकार और तरीकों के बारे में ज्ञान होना आवश्यक है तो चलिए अब पत्र लेखन के प्रकार और तरीकों के बारे में समझते हैं।


    यह आर्टिकल पूरा पढ़ने के बाद आपको भविष्य में कभी भी किसी भी तरह का पत्र लिखने में किसी भी प्रकार की झिझक महसूस नहीं होगी।

    पत्र लेखन क्या है (What is Letter Writing)

    पत्र लेखन एक ऐसा लिखित माध्यम है जिसके द्वारा एक व्यक्ति पत्र लिखकर अपने भाव विचार या फिर शिकायत किसी दूसरे व्यक्ति या संस्था को प्रकट करता है।


    साधारण शब्द में पत्र लेखन के बारे में समझे तो पत्र लेखन एक ऐसी कला है जिसमें लिखने के माध्यम से दो या दो से ज्यादा व्यक्तियों के बीच में भाव और विचारों का स्थानांतरण होता है यानी कि सरल और विनम्र तरीके से विचारों का संवाद होता है।


    लिखित संवाद करने का सशक्त और सरल माध्यम है जिसे पत्र लेखन कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पत्र लेखन या फिर पत्र किसी दूसरे व्यक्ति के हृदय के पटल को खोलने का कार्य करता है।


    क्योंकि पत्र के माध्यम से लिखित तरीके से एक व्यक्ति अपने भाव और विचार बहुत ही सरल और सहज तरीके से दूसरे व्यक्ति को बताता है।


    क्योंकि जब हम किसी दूसरे व्यक्ति को पत्र लिखते हैं तो हम अपने विचारों को दूसरे व्यक्ति के हृदय में सहेजें रखने का कार्य करते हैं जिससे कि दो व्यक्तियों के बीच संबंध और भी मजबूत होते हैं।


    फिल्मों में भी आपने देखा होगा कि अभिनेताओं या अभिनेत्री द्वारा कबूतर के माध्यम से चिट्ठियों के ऊपर संदेश लिखकर अपने मन के भावों और विचारों का आदान प्रदान किया जाता है।


    यानी कि आप कह सकते हैं कि आज का जो स्थान सोशल मीडिया व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे पॉपुलर एप्स ने ले लिया है वह किसी दौर में इन चिट्ठियों के माध्यम से किया जाता था।

    • पत्र लेखन एक बहुत ही उपयोगी कला है।
    • पत्र लेखन से विचारों का संवाद प्राचीन काल से चला आ रहा है।
    • पत्र लेखन के माध्यम से अपनी भावनाओं को लिखित माध्यम से वाणी दी जा सकती है।
    • भविष्य में पत्र लिखने की क्षमता हर व्यक्ति में होनी चाहिए।

    पत्र लेखन में ध्यान रखने योग्य बातें

    • पत्र की भाषा पत्र को प्राप्त करने वाले व्यक्ति के मानसिक कर के समान होनी चाहिए।
    • पत्र में सरल और छोटे वाक्यों का इस्तेमाल होना चाहिए।
    • पत्र लेखन में शिष्टता का होना आवश्यक है।
    • पत्र के वाक्य आपस में जुड़े होने चाहिए।

    पत्र की विशेषताएं

    1. भाषा के संक्षिप्तता: यानी कि संक्षेप में अपनी बात लिखें।
    2. क्रमबद्धता: पत्र लेखन में वाक्यों का चुनाव होना चाहिए।
    3. सरल भाषा: यानी कि आपकी भाषा सरल और सहज होनी चाहिए।
    4. प्रभावपूर्ण शैली: पत्र को पढ़ने वाले व्यक्ति के हृदय पर अच्छा प्रभाव पड़ना चाहिए।
    5. उद्देश्यपूर्ण: इसका अर्थ है कि जिस उद्देश्य से आप पत्र लिख रहे हैं उस उद्देश्य की पूर्ति होना आवश्यक है।

    पत्र के प्रकार

    पत्र लेखन के दो प्रकार होते हैं जो कि औपचारिक और अनौपचारिक नाम से जाने जाते हैं इन पत्र लेखन के प्रकारों को अलग-अलग वर्गों में बांटा गया है जो कि इसके उद्देश्य और भाव को दर्शाते हैं।

    • औपचारिक पत्र (Formal Letter)
    • अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)

    आइए सबसे पहले औपचारिक पत्र के भाव और इसके अंदर कौन कौन से पत्र लेखन शामिल हैं इसके बारे में जानते हैं।

    औपचारिक पत्र (What is Formal Letter in Hindi)

    जितने भी official letter आते हैं या फिर आप किसी भी कार्यालय यह संस्था को पत्र लिख रहे हैं ऐसे पत्र Formal Letter के अंतर्गत होते हैं। आप अपने पदाधिकारी, ग्राम पंचायत, कार्यालय, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को जब पत्र लिखेंगे तो वह औपचारिक पत्र कहलाएगा। Formal Letter को आप 3 तारीख को में वर्गीकृत भी कर सकते हैं 

    1. प्रार्थना पत्र।
    2. शिकायत पत्र।
    3. निवेदन पत्र।

    अनौपचारिक पत्र (What is Informal Letter in Hindi)

    Informal Letters हम उन व्यक्तियों को लिखते हैं जिनसे हमारा व्यक्तिगत रिश्ता होता है जैसे कि माता-पिता, भाई और बहन, मामा-मामी आदि।


    Formal Letter घर के सदस्यों या व्यक्तिगत रिश्ता रखने वाले जैसे कि अपने मित्रों को लिखा जाता है या फिर इसका इस्तेमाल आप विवाह शादियों में निमंत्रण के लिए भी कर सकते हैं। इसके अलावा अनौपचारिक पत्र में सुख दुख का उल्लेख किया जाता है।

    हमें उम्मीद है कि आप औपचारिक और अनौपचारिक पत्र को किस प्रकार से वर्गीकृत किया गया है और कौन सा पत्र किस पत्र लेखन के प्रकार में सम्मिलित है इसके बारे में अच्छे से जान चुके होंगे।

    अनौपचारिक पत्र के प्रकार

    • बधाई पत्र।
    • शुभकामना पत्र।
    • निमंत्रण पत्र।
    • विशेष मौके पर पत्र।
    • जानकारी युक्त पत्र।
    • सलाह देने संबंधित पत्र।

    उपरोक्त दिए गए पत्र अनौपचारिक पत्र के प्रकार में शामिल है।

    Formal Letter Format in Hindi

    आइए अब यह जानते हैं की औपचारिक पत्र लिखने के दौरान सबसे पहले हमें क्या लिखना चाहिए।

    दिनांक पता और भेजने वाले का स्थान

    Formal Letter Format में सबसे ऊपर दाईं तरफ भेजने वाले का स्थान पता और तिथि लिखी जाती है। प्रार्थना पत्रों और आवेदन करने वाले पत्रों में भेजने वाले का पता और स्थान सबसे नीचे लिखा जाता है।

    अभिवादन एवं संबोधन

    जिसे भी पत्र लिख रहे हैं उसके साथ अपना संबंध या योग्यता और पद पर युक्त स्थान का विवरण पत्र में दे सकते हैं। जैसे कि: माननीय मुख्यमंत्री, ग्राम पंचायत प्रधान, विद्यालय प्रधानाचार्य।

    विषय वस्तु लिखें

    यह औपचारिक पत्र का वह भाग होता है जिसमें पत्र से संबंधित मुख्य बात लिखी जाती है कि आखिर किस लिए आप पत्र लिख रहे हैं। लेकिन ध्यान रखें विषय वस्तु में लिखे गए वाक्यों का एक साथ जुड़ा होना या संबंध प्रदर्शित करना आवश्यक है। यानी कि कम से कम शब्दों में आपको विस्तार पूर्वक शादी बाद को लिखना होता है।

    अंतिम भाग

    पत्र के सबसे निचले भाग यानी की अंतिम भाग में पत्र लिखने वाले का पता और नाम या फिर पत्र को पाने वाले का नाम और उसके साथ आपका संबंध या पद पर युक्त व्यक्ति की पदोन्नति का विवरण दे सकते हैं। अंतिम भाग लिखने के पश्चात आप दिनांक और हस्ताक्षर भी कर सकते हैं।

    महत्वपूर्ण बातें

    पत्र लिखने के बाद डाकघर में पोस्ट करने के लिए आपको सबसे पहले पत्र को लिफाफे में डाल कर उसके ऊपर पत्र को पाने वाले व्यक्ति का पूरा नाम और पता लिखना होगा।


    ताकि पत्र सही जगह पर पहुंच सके इसलिए आपको पत्र को पाने वाले व्यक्ति का नाम, पिन कोड, गांव और शहर का नाम या फिर गली का नाम जरूर लिखना चाहिए।

    औपचारिक पत्र लिखने का ढंग (Formal Letter Format in Hindi)

    नीचे दिए गए फॉर्मल लेटर फॉरमैट को देखकर आप एक ही झलक में इसके फॉर्मेट को समझ जाएंगे और इससे आपको औपचारिक पत्र लिखने में आसानी रहेगी।

    • सेवा में या संबंध और पद युक्त व्यक्ति का नाम।
    • पत्र का विषय यानी कि पत्र किससे संबंधित है और क्यों लिखा जा रहा है।
    • संबोधन करने के लिए आप महोदय, महोदया का इस्तेमाल करेंगे।
    • विषय वस्तु में आप पत्र किस कारण से लिखा जा रहा है यानी कि मौत के बात सरल वाक्य में लिखेंगे।
    • अंतिम भाग में आप अपना नाम या फिर पत्र पाने वाले के साथ अपना संबंध और नाम पता लिखेंगे जैसे कि: आपका आज्ञाकारी शिष्य।

    Format of Formal Letter In Hindi With Example

    Formal letter Format in Hindi example

    आप नीचे दिए गए फॉर्मेट को देखकर या औपचारिक पत्र के उदाहरण को देखकर अच्छे से समझ सकते हैं और इसे कॉपी करके अपने हिसाब से ‌फेरबदल भी कर सकते हैं।


    सेवा में,

    प्रधानाचार्य महोदय,

    राजकीय महाराणा प्रताप विद्यालय 

    राजस्थान


    दिनांक 16/05/2021


    विषय – विद्यालय में खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कराने संबंध में।


    माननीय महोदय,


    मैं आपके विद्यालय की कक्षा 12 का छात्र हूं। महोदय, हम सभी छात्रों की इच्छा है कि इस बार विद्यालय में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाए। इससे विद्यार्थियों में खेलकूद के प्रति जानकारी और लगाव की भावना विकसित होगी। पिछले वर्ष कुछ कारणवश हमारे विद्यालय में खेलकूद की प्रतियोगिताएं आयोजित नहीं हो पाई थी। इसलिए हम सभी छात्र चाहते हैं इस बार खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाए।  इस आयोजन के संबंध में सभी अध्यापक वर्ग से चर्चा की जाए। हमें उम्मीद है कि इस वर्ष हमारे विद्यालय में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन अवश्य करवाया जाएगा।  


    धन्यवाद।


    आपका आज्ञाकारी शिष्य

    नाम - साहिल

    रोल नंबर- 4

    कक्षा - +2

    Formal Letter Format Example 2

    सेवा में,

    प्रधानाचार्य महोदय,

    राजकीय महाराणा प्रताप विद्यालय

    राजस्थान


    दिनांक 20.8.2021


    विषय – विद्यालय में खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कराने संबंध में।


    माननीय महोदय,


    मैं आपके विद्यालय की कक्षा 11 का छात्र हूं। महोदय, सविनय निवेदन यह है कि मेरे बड़े भाई का विवाह इस महीने की 23 तारीख को होना तय हुआ है और विवाह की सारी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। अपने बड़े के विवाह में मेरा शामिल होना अति आवश्यक है इसलिए मुझे 4 दिन का अवकाश देने की कृपा करें। मैं आपका सदैव आभारी रहूंगा।


    धन्यवाद।


    आपका आज्ञाकारी शिष्य

    नाम - अंकुश

    रोल नंबर- 13

    कक्षा - 11

    Formal Letter Format Hindi Conclusion

    हमें उम्मीद है कि आप औपचारिक पत्र लिखने से संबंधित ऊपर दिए गए Formal Letter Format in Hindi अच्छे से जान चुके होंगे और इसे किस प्रकार से लिखा जाता है इसके बारे में जान गए हैं यदि आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

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